चेतन सैनी की मौत जिन परिस्तिथियों में हुई अगर उसे आत्महत्या कहा जाए तो ये अपने आपमें कई सवाल खड़े करता हैं, चेतन की लाश के पास कुछ कुछ ऐसा लिखा पाया था कि ‘हर एक काफ़िर का ये ही अंजाम होगा’ ‘हम अल्लाह के बन्दे हैं’ आदि, जिससे शंका होती हैं कि चेतन सैनी की हत्या में इस्लामिक जिहादी आतंकियो का हाथ हो।
दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार,
परिजनों और वकील ने जो सबूत जुटाए वो साफ संकेत देते हैं कि चेतन सैनी ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उसकी हत्या हुई है। कोर्ट ने भी इन सबूतों को पर्याप्त मानते हुए पुलिस को हत्या का मामला दर्ज कर जांच के आदेश दिए हैं। इसके बाद पुलिस ने हत्या का मामला तो दर्ज कर लिया, लेकिन हकीकत यह है कि पुलिस अब भी अपनी आत्महत्या की थ्यौरी बदलने को तैयार नहीं है। हैरानी की बात तो यह है कि हत्या का मामला दर्ज होने के तीन सप्ताह बाद भी जांच एक कदम आगे नहीं बढ़ी है। जांच के नाम पर उन सबूतों पर कोई कार्रवाई तक नहीं हुई है, जो परिजनों ने अदालत में रखे थे। इस बारे में पूछे जाने पर थाना प्रभारी से लेकर डीसीपी तक का केवल एक ही जबाव है- मामले में अनुसंधान जारी है।
आरटीआई का क्यों नहीं दिया जा रहा जवाब
मृतक की पत्नी ने पुलिस थाना ब्रह्मपुरी, पुलिस मुख्यालय में सीआईडी सीबी में आरटीआई दाखिल कर चेतन की कॉल डिटेल, लोकेशन सहित कुछ अन्य जानकारी मांगी थी। आठ माह बाद भी पुलिस ने मृतक की पत्नी को यह जानकारी उपलब्ध नहींं कराई है। कोर्ट में भी केस की प्रगति रिपोर्ट के नाम पर केवल अनुसंधान जारी होने की रिपोर्ट पिछले तीन बार से पुलिस पेश कर रही है। इसमें कोर्ट को अब तक क्या जांच हुई, वो नहीं बताई गई है।
ये सात बिंदु: जिन पर परिजनों ने सबूत जुटाए... और पुलिस की अब तक अपनी थ्यौरी
1. घटना स्थल पर करीब एक दर्जन स्थानों पर पद्मावत फिल्म को लेकर चल रहे विरोध और धर्म विशेष को लेकर बातें लिखी हुई थीं।
परिजन: निजी एक्सपर्ट से लिखावट की जांच कराई तो लिखावट चेतन की नहीं होना बताया। ये लिखावट तीन अलग-अलग लोगों की होना बताई गई।
पुलिस: एफएसएल ने यह लिखावट चेतन सैनी की बताई।
2. शरीर पर चोट के निशान मिले थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी शरीर पर चोट के निशान की पुष्टि हुई है।
परिजन: ये रगड़ से आने वाली चोट के निशान नहीं हैं। ये हत्या से पहले हुए संघर्ष से आई हुई चोटें थीं। इनके घाव भी गहरे थे।
पुलिस: हैंगिंग के दौरान दीवार से रगड़ने से ये चोटें आई हैं।
3. सीसीटीवी कैमरे में चेतन के हाथ में रस्सी नहीं थी, नाहरगढ़ की तरफ जाते समय खाली हाथ दिखाई दिया।
परिजन: चालीस फीट लंबी रस्सी शरीर से कैसे बांधकर कोई ले जा सकता है। साथ ही रस्सी खरीदते समय कोई तो उसको देखता।
पुलिस: रस्सी शरीर में कहीं बांध कर ले गया होगा। इस कारण सीसीटीवी कैमरे में दिखाई नहीं दी।
4. मृतक चेतन ने 23 नवंबर की शाम करीब छह बजे अपने मोबाइल से नाहरगढ़ से सेल्फी ली थी। जिसमें वह खुशमिजाज और तनाव मुक्त नजर आ रहा था।
परिजन: सेल्फी में भी वह आम दिनों की तरह आत्म विश्वास से भरा हुआ लग रहा था। ऐसे में आत्महत्या की सोच भी नहीं सकते हैं।
पुलिस: सेल्फी से तनाव या तनाव मुक्त का कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है।
5. मृतक की पीठ पर सफेद रंग का चूना लगा हुआ था, जबकि घटना स्थल पर कहीं पर भी चूना नहीं था।
परिजन: घटना वाले दिन घर से पैदल निकला था। दीवार के सहारे बैठने से यदि चूना लगा है, तो उस घटना स्थल की पुलिस क्यों तहकीकात नहीं कर पाई, जहां पर चेतन सैनी बैठा होगा।
पुलिस: चूना कहीं दीवार के सहारे बैठने से लगा होगा। पीठ पर चूना लगने से यह कतई साबित नहीं होता है कि हत्या हुई है।
6. घटनास्थल पर चाय के चार खाली कप पड़े थे। एेसे में चेतन के साथ तीन अन्य व्यक्ति होने की संभावना बताई है।
परिजन: पहले दिन से ही हम कह रहे थे कि खाली चाय के कप से यह लगता है कि चेतन के साथ तीन और व्यक्ति थे। हैंडराइटिंग मिलाने में भी घटनास्थल पर जो लिखा हुआ मिला है वो तीन अलग-अलग लोगों के हाथों लिखा हुआ होना पाया गया है। इससे इसकी पुष्टि होती है।
पुलिस: चाय के कप से यह साबित थोड़े ही होता है कि चेतन के साथ कोई और लाेग भी थे। एेसेे में इन सबूतों से कोई हत्या साबित थोड़े ही हो सकती है।
7. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लिगेचर मार्क यू शेप में आया है।
परिजन: एमएलसी एक्सपर्ट कहते हैं कि वी शेप की जगह यू शेप में लिगेचर मार्क आना संदेह पैदा करता है। इससे लगता है कि पहले गला दबाकर हत्या की गई और फिर आत्महत्या का रूप देने के लिए हैंग कर दिया गया।
पुलिस: आत्महत्या के कई मामलों में वी शेप में लिगेचर मार्क नहीं आते हैं।
पुलिस की भूमिका पर उठ रहे ये 4 बड़े सवाल
1. पुलिस कहती है कि एफएसएल ने लिखावट चेतन की होना बताया है जबकि परिजनों की ओर से कराई गई जांच में तीन अलग-अलग लोगों की लिखावट सामने आई। पुलिस ने इस मामले में लिखावट की दोबारा जांच या फिर सीएफएसएल से जांच क्यों नहीं करवाई?
2. चोट को लेकर पुलिस अपनी रगड़ की थ्यौरी पर ही क्यों टिकी हुई है। उसने परिजनों के एंगल से किसी एक्सपर्ट से दोबारा राय क्यों नहीं ली।
3. पुलिस सीसीटीवी कैमरे या मृतक की कॉल लोकेशन से यह सामने क्यों नहीं लाती कि घर से निकलने के बाद चेतन सैनी कहां-कहां गया था और उसका रूट क्या रहा।
4. जब एमएलसी एक्सपर्ट हैंगिंग में वी सेफ लिगेचर मार्क की बात कहते हैं तो पुलिस इस बिंदु पर नए सिरे से जांच क्यों नहीं करती?
क्या हुआ था?
24 नवम्बर 2017 को नाहरी नाका निवासी चेतन सैनी की लाश नाहरगढ़ किला के बुर्ज पर लटकी हुई मिली थी। पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला करार दिया, लेकिन पहले दिन से ही परिजन इसे हत्या बताकर जांच की मांग कर रहे हैं।
अब क्या स्थिति?
परिजन खुद सबूत जुटाने में लगे और ऐसे सात सबूत अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश एवं महानगर मजिस्ट्रेट, क्रम सं. 22 में पेश किए, जिससे चेतन सैनी की हत्या का संदेह होता है। कोर्ट ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच के निर्देश दिए। 5 जून को हत्या का मामला दर्ज किया गया।
- पीड़ित पक्ष के वकील ललिता संजीव मेहरवाल के मुताबिक, चेतन सैनी मामले में जब हमने कोर्ट में हत्या के संदेह में जो प्रमाण पेश किए उसे कोर्ट ने भी स्वीकार किया और उसके आधार पर पुलिस को हत्या का मामला दर्ज करने के आदेश किए है। इस मामले में सारे प्रमाण हत्या की ओर इंगित करते हैं। केवल पुलिस अपनी थ्यौरी पर इसे आत्महत्या मानकर जांच नहीं की।
- डीसीपी(नॉर्थ) सत्येंद्र सिंह ने बताया किचेतन सैनी मामले में अनुसंधान चल रहा है। इस संबंध में अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। अनुसंधान के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
- ब्रह्मपुरी थाने के एसएचओ रविंद्र सिंह शेखावत का कहना है कि अनुसंधान जारी है। हर एंगल से इस मामले में पुलिस जांच कर रही है। इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता।
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