देश मे सेकुलर और भारतीय संस्कृति और प्रगतिशील सोच में विश्वास रखने वाले देशभक्त मुस्लिमो का जीना लगातार दुश्वार होता जा रहा हैं।
हाल ही एक मामला केरल से सामने आया, जहाँ एक मात्र 10 साल की बच्ची को बिंदी लगाने की वजह से मदरसे से निकाल दिया गया।
दरअसल पूरा मामला केरल के कोझिकोड़ का है, जहां पांचवीं क्लास की छात्रा को असाइनमेंट के सिलसिले में एक शॉर्ट फिल्म में एक्टिंग करनी थी इसलिए बच्ची ने अपने ललाट पर बिंदी लगाई थी। लेकिन मदरसा के प्रबंधन को बच्ची का बिंदी लगाना इतना नगवार गुजरा कि उसने बच्ची को बाहर निकाल दिया। पूरे घटनाक्रम से आहत बच्ची के पिता उम्मर मलायिल ने एक फेसबुक पोस्ट लिखकर बच्ची और अपना दर्द बयां किया है।
लड़की के पिता का ये पोस्ट अब खूब वायरल हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मदरसा प्रबंधन ने बच्ची पर कार्रवाई तब कि जब कुछ संगठनों ने बच्ची द्वारा चंदन की बिंदी लगाने पर आपत्ति जताई। अपने पोस्ट में बच्ची के पिता उम्मर ने कहा है कि 10 साल की उनकी बेटी पढ़ने-लिखने में तेज तो है ही, वह डांसिंग और एक्टिंग में भी माहिर है।पिता ने मदरसा प्रबंधन पर चुभने वाला तंज कसा है। उन्होंने लिखा कि ऊपर वाले का शुक्र है; उसे पत्थर मारने की सजा नहीं दी गई।
सुनने में ये घटना बेहद मामूली लगती हो लेकिन देश के सेकुलर माहौल के लिए ऐसी घटनाएं बेहद खतरनाक हैं।
लड़की के पिता का ये पोस्ट अब खूब वायरल हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मदरसा प्रबंधन ने बच्ची पर कार्रवाई तब कि जब कुछ संगठनों ने बच्ची द्वारा चंदन की बिंदी लगाने पर आपत्ति जताई। अपने पोस्ट में बच्ची के पिता उम्मर ने कहा है कि 10 साल की उनकी बेटी पढ़ने-लिखने में तेज तो है ही, वह डांसिंग और एक्टिंग में भी माहिर है।पिता ने मदरसा प्रबंधन पर चुभने वाला तंज कसा है। उन्होंने लिखा कि ऊपर वाले का शुक्र है; उसे पत्थर मारने की सजा नहीं दी गई।
सुनने में ये घटना बेहद मामूली लगती हो लेकिन देश के सेकुलर माहौल के लिए ऐसी घटनाएं बेहद खतरनाक हैं।
जिनको बिंदी से इतनी नफरत हैं, वो क्या अपने बच्चो को सेकुलरिस्म और भाईचारा सिखाते होंगे?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें