Image- isro.gov.in |
मीडिया में चल रही रिपोर्टो के अनुसार अब इसरो शुक्र ग्रह तक पहुँच बनाने में जुट गया हैं.एक साथ 20 उपग्रह अंतरिक्ष में भेजने की सफलता (पढ़े पूरी न्यूज़- 'इसरो' ने एक साथ लांच किये 20 उपग्रह, 200 अरब ड़ालर के अंतरिक्ष मार्केट में मची खलबली ) के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की निगाहें अब शुक्रग्रह पर टिकी हुई हैं।
गुरुवार को इसरो के अध्यक्ष ए.एस. किरन कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि संगठन अब शुक्रग्रह पर अभियान की तैयारी कर रहा है।आने वाले दिनों में इसरो चंद्रयान-2 के अलावा नासा के एक साथ संयुक्त मिशन पर भी काम करने जा रहा है। शुक्र पर आधारित इस मिशन के बारे में इसरो अध्यक्ष ने बताया कि जीएसएलवी-एफ05 के सफल प्रक्षेपण के बाद, इसरो अब हर साल कम से कम दो जीएसएलवी मार्क-II मिशन शुरू करने की योजना बना रहा है।
इस तरह मिलेगी सफलता
इस मिशन के लिए इसरो अपने पहले से मौजूद इंजन C- 25 की क्षमता को दो गुना करने जा रहा है। जिससे की इस मिशन को सफलता मिल सकेगी।
शुक्र पर आधारित मिशन की प्रक्रिया और प्रणाली पर पूछे गए सवाल के जवाब में संगठन के Liquid Propulsion Systems Centre (LPSC) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने बताया कि संगठन अब स्वदेशी क्रायोजेनिक प्रणाली का इस्तेमान करता है।जो पृथ्वी- संग्रहणीय तरल प्रणोदक रॉकेट प्रणाली की तुलना में एक जटिल प्रणाली है। हमारे सभी वैज्ञानिक इस प्रणाली के साथ सहज है.loading...
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