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शनिवार, 10 सितंबर 2016

राजस्थान के इस मुस्लिम बहुल इलाके में पिछले 27 सालों से लगी हुई हैं धारा 144



मीडिया में चल रही कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले 27 सालों से राजस्थान के कोटा शहर के एक हिस्से के लगभग एक लाख निवासी धारा 144 के निषेध आदेशों के साये में जी रहे हैं। धारा 144 लागू होने के कारण यहां के निवासी शादी-निकाह और अंतिम संस्कार के अलावा कोई सार्वजनिक कार्यक्रम भी आयोजित नहीं कर सकते।

कोटा शहर के लगभग दो किमी क्षेत्र के दायरे में आने वाले बजाज खाना, घंटा घर, मकबरा पाटन पोल और तिप्ता में यह धारा लागू है जिसके तहत चार या इससे अधिक व्यक्ति एक जगह इकट्ठे नहीं हो सकते। अल्पसंख्यक बहुल इन क्षेत्रों में 1989 की सांप्रदायिक हिंसा के बाद धारा 144 लगाया गया था।

यहां के निवासियों का दावा है कि कानून और व्यवस्था में किसी तरह की समस्या की कोई खबर न आने के बावजूद पाबंदियां जारी हैं और यह उनके लिए कलंक है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि बैंक उन्हें लोन नहीं देते और अधिकारी उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं देते हैं।

उल्लेखनीय है कि सितंबर 1989 में हुए सांप्रदायिक दंगे के बाद कर्फ्यू हटाने के बाद धारा 144 लगाया गया था। हालांकि, कोटा के तत्कालीन जिला कलेक्टर ने सितंबर 1990 में इस धारा को अगले आदेश तक प्रभावी रखने का आदेश दिया था और अगला आदेश कभी आया ही नहीं।
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