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रविवार, 28 अगस्त 2016

ISRO ने किया हवा में ऑक्सीजन को फ्यूल बनाने वाले इंजन का सफल परिक्षण: जापान-चीन-रूस को पीछे छोड़ा


चेन्नई.इसरो ने रविवार को बाहर (atmosphere) की ऑक्सीजन को फ्यूल के रूप में इस्तेमाल करने वालेसतीश धवन स्पेस सेंटर (SDSC) में बनाये गये स्क्रेमजेट इंजन का सफल टेस्ट किया। साइंटिस्ट्स का कहना है कि इंजन का यूज रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल (RLV) में हाईपरसोनिक स्पीड (साउंड की स्पीड से तेज) हासिल करने के लिए किया जाएगा। इस टेस्ट के साथ ही भारत ने अमेरिका के नासा की बराबरी कर ली है और जापान-चीन-रूस को पीछे छोड़ दिया है।

अमेरिका की बराबरी की
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नासा ने वर्ष 2004 में ये टेस्ट किया था।भारत ने स्क्रेमजेट इंजन का टेस्ट कर अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की बराबरी कर ली है।जापान, चीन, रूस में भी इसकी टेस्टिंग शुरुआती लेवल पर है।इससे पहले 2006 में भारत ने स्क्रेमजेट का जमीन पर टेस्ट किया था।


राष्ट्रपति एवं प्रधानमन्त्री ने भी दी ISRO को बधाई
बेंगलूरु में ही मौजूद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सफल परीक्षण के लिए इसरो को बधाई दी.उन्होंने ट्वीट किया, 'भविष्य के स्क्रैमजेट रॉकेट इंजन के सफल परीक्षण पर इसरो को हार्दिक बधाई. भारत को आप पर गर्व है.'

वहीँ प्रधानमन्त्री मोदी ने ट्वीट किया, 'स्क्रैमजेट रॉकेट इंजन का सफल परीक्षण हमारे वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत और उत्कृष्टता का प्रमाण है. इसरो को बधाई.'

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