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शुक्रवार, 13 जुलाई 2018

परीक्षा में नंबर ज्यादा लाने के बावजूद भी हिन्दू की बजाए समुदाय विशेष के लड़के को AMU में दिया गया एडमिशन!


पहले से ही विवादों में घिरी AMU अब धार्मिक भेदभाव के आरोप में घिरती जा रही हैं।एक पिता ने AMU पर उसके बच्चे के साथ धार्मिक भेदभाव का आरोप लगाया हैं।
सांसद के हस्तक्षेप के बाद सामने आया मामला
एक पिता की शिकायत को गंभीर मानते हुए भाजपा सांसद व यूनिवर्सिटी की शीर्ष संस्था एएमयू कोर्ट के सदस्य सतीश गौतम ने कुलपति से स्पष्टीकरण मांगा है। 
टेस्ट में ज्यादा अंक आये तो इंटरव्यू में लटकाया 
सांसद को पीड़ित पिता ने बताया था कि बेटे के टेस्ट में ज्यादा अंक आए, फिर भी इंटरव्यू में कम नंबर देकर दाखिला नहीं दिया गया। जिसके टेस्ट में कम अंक आए थे, उसे धार्मिक कारणों से इंटरव्यू में ज्यादा अंक दे दिए और दाखिला भी ले लिया। 

पहले भी लगे हैं भेदभाव के आरोप 
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष प्रो. रामशंकर कठेरिया ने भी तीन जुलाई को आरोप लगाया था कि 'एएमयू के एंट्रेंस टेस्ट में ज्यादा अंक पाने वाले ¨हदू बच्चों को इंतजामिया इरादतन फेल कर देता है।' हालांकि, एएमयू ने भेदभाव का पुरजोर खंडन कल भी किया था, आज भी किया है।
ये हैं पूरा मामला
शहर के गूलर रोड गली नंबर-एक में रहने वाले मुनेश कश्यप ने सांसद सतीश गौतम को बताया कि बेटे अर्जुन कश्यप ने एएमयू में कक्षा छह के लिए प्रवेश परीक्षा दी थी। प्रतीक्षा सूची में छठवें नंबर पर नाम आया। टेस्ट में उर्दू मीडियम से 85 फीसद अंक आए थे। दाखिले के लिए दस्तावेज लेकर पहुंचे तो यूनिवर्सिटी ने मना कर दिया गया। आरोप है कि टेस्ट में कम अंक पाने वाले दूसरे समुदाय के बच्चे को प्रवेश दे दिया गया। इस पर एएमयू अफसरों से भी मिले, लेकिन संतोषजनक जवाब तक नहीं मिला। सांसद सतीश गौतम ने आठ जुलाई को कुलपति (वीसी) को पत्र लिखकर अर्जुन का एएमयू के सिटी हाईस्कूल में कक्षा छह में दाखिला करने को कहा है। न दे पाने पर कारण स्पष्ट करने को कहा है। 
ये कहा AMU ने 
वहीं, एएमयू के जनसंपर्क कार्यालय के मेंबर इंचार्ज प्रो. शाफे किदवई का कहना है कि एएमयू सांसद के दाखिला संबंधी पत्र की जानकारी नहीं है। दाखिले में भेदभाव की बात सरासर गलत है। एएमयू में धर्म के आधार पर न दाखिला होता है, न किसी से भेदभाव ही किया जाता है।

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