
G-20 हेतु चीन जाने से पहले प्रधानमन्त्री मोदी की वियतनाम यात्रा काफी चर्चा का विषय बनी थी,दोनों देशो के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए थे.मोदी पिछले 15 वर्ष में वियतनाम की यात्रा करने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं। इससे पहले अटल बिहारी वाजपेयी ने साल 2001 में वियतनाम की यात्रा की थी।
चीन का सबसे कट्टर दुश्मन हैं वियतनाम !
अब तक चीन और वियतनाम के बीच 2 बड़े युद्ध हो चुके हैं.ये ही वजह हैं की वियतनाम के ज्यादातर नागरिक चीन को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानते हैं.हाल ही हैं साउथ चाइना सागर पर चीन की दादागिरी की वजह से वियतनाम में चीन विरोधी भावनाए काफी बढ़ रही हैं.
ऐसे में भारत और चीन के सबसे कट्टर दुश्मनों में से एक वियतनाम की नजदीकियां एक राजनितिक सोच को तो दर्शाती ही हैं साथ ही चीन को एक कड़ा सन्देश भी देती हैं.
ये हुए समझौते
भारत और वियतनाम के बीच 12 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं.रक्षा क्षेत्र में दोस्ती बढ़ाने के लिए भारत ने 50 करोड़ डॉलर के उधार का भी ऐलान किया है, साथ ही IT समेत तमाम क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के लिए भी कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
चीनी मीडिया ने बताया दबाब बनाने की कोशिश
वहीँ चीन के सरकारी मीडिया ने रविवार को कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वियतनाम यात्रा का लक्ष्य चीन पर संयुक्त रूप से दबाव बनाना और देश के साथ उनकी सौदेबाजी बढ़ाना है.
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