
गौ रक्षा और गौ रक्षको को लेकर दिए गये ब्यान का भारी विरोध देखते हुए अब प्रधानमन्त्री मोदी के तेवर भी नरम होते दिख रहे हैं..
ज्ञात हो की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने 'टाउनहॉल' कार्यक्रम में बोलते हुए ज़्यादातर गौरक्षकों को गोरखधंधे में लिप्त बताया था यहाँ तक की मोदी ने 80 प्रतिशत गौ रक्षको को कटघरे में खड़ा कर दिया था,मोदी ने कहा था की "कुछ लोग गौरक्षक के नाम पर दुकान खोलकर बैठ गए हैं. मुझे इस पर बहुत ग़ुस्सा आता है.कुछ लोग पूरी रात असमाजिक कार्यों में लिप्त रहते हैं और दिन में गौरक्षक का चोला पहन लेते हैं. मैं राज्य सरकारों से अनुरोध करता हूं कि ऐसे जो स्वंयसेवी निकले हैं उनका जरा डोजियर तैयार करें, इनमें से 70-80 फीसदी एंटी सोशल एलिमेंट निकलेंगे।"
मोदी के इस ब्यान को लेकर सोशल मीडिया पर काफी विरोध देखने को मिला,बहुत से लोग जो गाय को अपनी माता और गौ रक्षा को ही अपना धर्म मानते हैं वो लोग मोदी के इस ब्यान के खिलाफ काफी प्रतिक्रियाये देते दिख रहे थे वहीँ दूसरी तरफ कुछ एक ऐसे भी थे जो की मोदी के ब्यान का समर्थन करते हुए 70 से 80 प्रतिशत गौ रक्षको को गुंडा करार दे रहे थे..
लेकिन आज मोदी के सुर अपने पिछले ब्यान से थोड़े जुदा दिखे, पहले जहाँ मोदी 70 से 80 प्रतिशत गौ रक्षको को कठघरे में खड़ा कर रहे थे वहीँ आज मोदी ने केवल `मुट्ठी भर` लोगो पर निशाना साधा..
मोदी ने ट्विटर पर लिखा की सच्चे गौ पूजकों एवं सेवकों से प्रार्थना- आप भी सजग रहिए, कहीं आपका ये उम्दा कार्य मुट्ठी भर लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए तबाह ना कर दें।
सच्चे गौ पूजकों एवं सेवकों से प्रार्थना- आप भी सजग रहिए, कहीं आपका ये उम्दा कार्य मुट्ठी भर लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए तबाह ना कर दें।— Narendra Modi (@narendramodi) August 7, 2016
इसको देखकर ये अंदाजा लगाया जा रहा हैं की मोदी जी को शायद अपनी गलती का एहसास हो गया हैं,हालांकि बात तो सही ही हैं की कुछ एक आधा लोग गौ रक्षा के नाम पर गलत काम करते हुए मिल सकते हैं लेकिन 70 से 80 प्रतिशत लोगो को कठघरे में खड़ा करना अतार्किक प्रतीत होता हैं
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