K-4 मिसाइल को परमाणु पनडुब्बी अरिहंत से दागा जा सकेगा। 12 मीटर लंबी मिसाइल भारत पर परमाणु हमला होने की सूरत में दुश्मन का खात्मा करेगी। समुद्र से दहाड़ते हुए 17 टन वजन की ये मेड इन इंडिया मिसाइल जब निकलेगी और 3500 किलोमीटर की दूरी तक मौजूद दुश्मन वो पाकिस्तान हो या चीन उसमे भारी तबाही मचा देगी।
K-4 के सफल परीक्षण के बाद भारत समुद्र की गहाराई से पनडुब्बी से बैलिस्टिक मिसाइल फायर करने वाला पांचवा देश बन गया। ये ताकत समुद्र के गर्भ में तबाही का हथियार रखने की कूवत सिर्फ अमेरिका, रूस, चीन और फ्रांस के पास थी और इसी खबर से पाकिस्तान बौखला गया।
पाकिस्तान के पास न तो अपनी परमाणु पनडुब्बी है न ही पाकिस्तान के पास पानी के भीतर से मिसाइल छोड़ने की क्षमता है,जाहिर है भारत की इस बड़ी कामयाबी पर वो चकरा गया।
पाकिस्तान में स्ट्रैटजिक प्लान डिविजन के निदेशक डॉ. आदिल सुल्तान का कहना है कि भारत अपने पारंपरिक हथियारों का जखीरा बढ़ा रहा है, वो परमाणु हथियारों की होड़ में भी लगा हुआ है। इन हथियारों में हजारों किलोमीटर तक मार करने वाली इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें भी शामिल हैं। भारत चाहता है इस इलाके का सुपरपॉवर बनना। भारत ने दूसरे हमले की क्षमता (सेकंड स्ट्राइक केपेबिलिटी) विकसित कर ली है। इसके चलते अब पाकिस्तान दबाव में आ गया है। पाकिस्तान को भी अब अपनी क्षमता विकसित करनी ही पड़ेगी।
आखिर क्या है सेकंड स्ट्राइक कैपेबिलिटी? परमाणु हमले की जुबान में कहें तो अगर कोई देश किसी दूसरे पर परमाणु हमला कर दे तो जमीन पर मौजूद उसके तमाम युद्ध ठिकाने तबाह हो जाएंगे, अगर ऐसा हुआ तो वो देश हमला करने वाले का मुकाबला नहीं कर सकेगा, उससे बदला नहीं ले सकेगा। इसीलिए युद्ध के कुछ ऐसे खुफिया ठिकाने रखने जरूरी होते हैं, जहां से जवाबी परमाणु हमला किया जा सके। वो ठिकाने, जिन्हें दुश्मन देख न सके, तबाह न कर सके, समुद्र की गहराई में छिपी पनडुब्बियां परमाणु पनडुब्बी ऐसे ही ठिकाने हैं।
वैसे भी पनडुब्बियां 3-4 हफ्ते तक पानी के भीतर रह सकती हैं, उन्हें परमाणु रिएक्टर से ऊर्जा मिलती रहती है। अरिहंत परमाणु पनडुब्बी से K-4 का सफल परीक्षण इस बात पर मोहर लगा गया कि भारत ने खुद पर परमाणु हमला करने वाले के विनाश के लिए समुद्र के भीतर पनडुब्बियों में युद्ध केंद्र विकसित कर लिए हैं। अरिहंत पनडुब्बी जल्द ही भारतीय नौसेना में शामिल होने वाली है और K-4 की रेंज 3500 किलोमीटर है।
पाकिस्तान या चीन दोनों के ही खिलाफ भारत ने सेकंड स्ट्राइक कैपेबिलिटी विकसित कर ली है। यानि अगर दोनों ने परमाणु बम बरसाए तो समुद्र की सतह से निकलेगी हमारी K-4 और वो इन मुल्कों में कहर बरपा देगी। बात दें कि K-4 मिसाइल और पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम का खास रिश्ता है। K- 4 मिसाइल का नाम दरअसल, मिसाइल मैन कलाम के ही शब्द 'के' पर रखा गया है।
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