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बुधवार, 29 जून 2016

चीन के विरोध को दरकिनार करते हुए अमेरिका ने कहा,भारत को NSG में एंट्री दिलाकर ही दम लेंगे



परमाणु अप्रसार के क्षेत्र में भारत को भरोसेमंद और महत्वपूर्ण शक्ति बताते हुए शेनन ने कहा, 'हम इस बात पर प्रतिबद्ध हैं कि भारत परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में शामिल हो। हमारा मानना है कि हमने जिस तरह का काम किया है और भारत ने जिस तरीके से खुद को साबित किया है, वह इसका हकदार है।'

एनएसजी में भारत की एंट्री के विरोध को लेकर उन्होंने चीन पर सीधा हमला भी किया। उन्होंने कहा कि एक देश सहमति आधारित संगठन में सहमति को तोड़ सकता है और ऐसे सदस्य को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'हम मानते हैं कि सहमति आधारित संगठन में एक देश सहमति को तोड़ सकता है, लेकिन ऐसा करने पर उसे जवाबदेह बनाया जाना चाहिए न कि अलग-थलग किया जाना चाहिए।'

शैनन ने बुधवार को विदेश सचिव एस. जयशंकर से मुलाकात भी की। उन्होंने कहा कि हाल में भारत को मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) में शामिल करना दर्शाता है कि वह 'परमाणु अप्रसार के मार्ग पर जिम्मेदार और महत्वपूर्ण देश' है। उन्होंने कहा, 'हमें दुख है कि सोल में हम भारत को एनएसजी में प्रवेश दिलाने में सफल नहीं हो सके।' 

उन्होंने कहा कि दोनों देशों को यह सुनिश्चित करने के लिए काम करना होगा कि एनएसजी में अगली बार भारत का प्रयास सफल रहे। उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि हम आगे बढ़ें, भारत और अमेरिका मिल बैठकर विमर्श करें कि सोल में क्या हुआ, राजनयिक प्रक्रिया पर नजर रखें जो महत्वपूर्ण है और देखें कि अगली बार सफल होने के लिए हम और क्या कर सकते हैं।'

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