शुक्रवार, 17 नवंबर 2017
योगी से मिले बिल गेट्स, इन क्षेत्रों में कर सकते हैं भारी निवेश।
शुक्रवार को माइक्रोसाफ्ट के मालिक बिल गेट्स ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर खासतौर पर स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में निवेश की इच्छा जताई।
योगी से करीब 45 मिनट चली उनकी मुलाकात में गेट्स ने मुख्यमंत्री से राज्य में निवेश की इच्छा तो जताई ही साथ में कहा कि वह जनहित के अन्य कार्यों में भी हाथ बटांना चाहते हैं। स्वास्थ्य,शिक्षा, स्वच्छता अभियान, कुपोषण और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में खासतौर से मदद करने की इच्छा जताई।
रविवार, 31 जुलाई 2016

भारतीय वायुसेना और सेना के लिए बनाया गया लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर हर परीक्षा में खरा उतरा है। इस लड़ाकू हेलीकॉप्टर का निर्माण भारत में ही हुआ है। इसको भारत सरकार द्वारा संचालित हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड ने तैयार किया है। यह दुनियाँ का सबसे बड़ा लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर है। इसने दुनियाँ भर में इतिहास रच दिया है। यह पहला लड़ाकू लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर है जिसने समुद्र तल से 16 हजार फीट की ऊंचाई पर लैंड किया है। अभी तक कोई भी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर ने यह उपलब्धि हासिल नहीं की है। यह हेलीकॉप्टर 19,700 से 21,300 फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है। इसलिए यह अधिक ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्र के लिए सबसे बेस्ट लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर है।
मल्टी रोल कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) का परिक्षण जोधपुर में करीब एक सप्ताह तक किया गया। रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष ओझा ने इसकी सफलता का प्रमाण दिया है। हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड ने इस हेलीकॉप्टर का जोधपुर में सख्त गर्मी के 40 से 42 डिग्री तापमान में इसका सफल परिक्षण किया। इस हेलीकॉप्टर ने बेंगलूरु से जोधपुर तक की उड़ान भरी। इस दौरान भारतीय वायुसेना और भारतीय सेना के पायलट और बड़े अधिकारी भी मौजूद थे।
लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर का सफल परिक्षण लेह के सर्दियों के मौसम में भी किया गया। इसकी सफलता मिलने के बाद इस साल के आखिर तक लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर का क्रमवाचक तरीके से निर्माण शुरू कर देगी।
आगे पेज में जानिए हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ऐसे कितने लड़ाकू एलसीएच भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना को बनाके देगी…

लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर 3 से 5.8 टन से ज्यादा वजनी है। इस लड़ाकू हेलीकॉप्टर में दो शक्ति पावरफुल इंजन लगे हुये है। इसके साथ ही इसमें अत्याधुनिक तकनीक यूज़ की गई है। जो इसे बहुत फुर्तीला और पावरफुल बनाती है। और साथ ही इसका डिजाईन इतना शानदार और अलग बनाया गया है कि, देखने में ही घातक लगे। इसकी खासियत यह है कि, दिन में तो अच्छे निशाने लगा सकता है ही, लेकिन रात में कम रोशनी में भी दुश्मनों के छक्के छुड़ा सकता है। इस लड़ाकू हेलीकॉप्टर में रडार व लेज़र मिसाइल वार्निंग जैसे सिस्टम की नई तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है।
हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) आने वाले समय में 179 लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर बनाएगा। ज्सिमें 65 लड़ाकू हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना को और बाकि 114 हेलीकॉप्टर भारतीय सेना को दिए जायेंगे।
आगे पेज में जानिए यह एलसीएच कितनी लागत से बनाया जायेगा…

रविवार, 19 जून 2016
रविवार, 29 मई 2016
12th में आये 91%, फिर भी डॉक्टर नहीं बन पाएगी ये लड़की !
ये दास्ताँ हैं पाकिस्तान से आई एक हिन्दू लड़की की,पाकिस्तान में हो रहे धार्मिक भेदभाव से तंग आकर ये लड़की अपने माता पिता के साथ भारत में आ बसी लेकिन फिर भी इनके ऊपर लगा हुआ `पाकिस्तानी' होने का धब्बा अभी तक नहीं धुल पाया हैं. मशाल(परिवर्तित नाम) के माता पिता दोनों पेशे से डॉक्टर हैं,पाकिस्तान में लाखो कमा लेते थे,लेकिन कट्टरपंथियों से परेशान होकर उनको भारत की तरफ रुख करना पड़ा.
पहले स्कूल में दाखिले को लेकर परेशानियो का सामना करना पड़ा ,किसी जानकार की मदद से स्कूल में दाखिला मिल भी गया तो अब भाषा और नए माहौल को लेकर परेशानियो का सामना करना पड़ा,लेकिन फिर भी तमाम परेशानियाँ होने के बावजूद मेहनत करके बारहवी में 91 प्रतिशत ले आई.अब दिक्कत हैं की आगे की पढ़ाई के लिए कॉलेज में दाखिले की.
मशालअब mbbs में दाखिले के परीक्षाएं नही दे सकती क्यूंकि उसमे केवल दो ही आप्शन आते हैं पहला भारतीय और दूसरा NRI,मशाल इन दोनों से किसी का चयन नहीं कर सकती इसलिए अब आगे की पढ़ाई करना लगभग असंभव हैं.
भारत सरकार पाकिस्तानी हिन्दुओ को भारत तो बुला रही हैं लेकिन उनको यहाँ भी ,पाकिस्तान से आये हुए हिन्दू' का ही दर्जा मिल पाता हैं..मशाल जेसे ना जाने कितने ही पाकिस्तान में सताए हुए हिन्दू बच्चे आज भारत में भी दोयम दर्जे के शहरी बनकर जीने को मजबूर हैं.
फिलहाल ये परिवार लंबी अवधि के वीज़ा पर जयपुर में रह रहा हैं.पहचान उजागर ना हो इसलिए ऊपर दी गयी तस्वीर को धुंधला कर दिया गया हैं...