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प्रतीकात्मक फोटो |
अब गृह मंत्रालय की एक्सपर्ट कमिटी ने पैलेट गन के विकल्प के तौर पर पावा शैल्स को हरी झंडी दिखाई थी जिसे अब भारत सरकार की अनुमति भी मिल गयी हैं
मिर्च से बनी पावा शेल्स पैलेट गन से कम घातक होता है और यह जिसको लगता है उसे अस्थाई रूप से अक्षम बना देता है। कुछ समय के लिए वो कुछ भी करने की हालत में नहीं होता है।
मिर्च की ताकत मापने वाले स्कोविले स्केल पर ‘पावा’ को ‘अत्याधिक से ऊपर’ की श्रेणी में रखा गया है। इसका अर्थ है कि यह अस्थाई रूप से किसी शख्स को बुरी तरह प्रभावित और लकवाग्रस्त कर सकता है।‘पावा’ को कम-घातक हथियार की श्रेणी में रखा जा सकता है। इसे दागे जाने के बाद गोला फटता है और निशाने (प्रदर्शनकारियों) को अस्थाई रूप से सुन्न, जड़ और लकवाग्रस्त बना देता है।
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