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रविवार, 24 जुलाई 2016

ये हैं भारत के सबसे ज्यादा घातक हथियार जिनसे चीन और पाकिस्तान ही नही बल्कि पूरी दुनिया खौफ खाती हैं




Su-30Mki-लड़ाकू विमानः अब तक का सबसे शानदार एयरक्राफ्ट जिसे वायुसेना की क्रीम भी कहा जाता है। रूस की मदद से बना ये फाइटर जेट किसी भी मौसम में मार करने की क्षमता रखता है। आज की तारीख में एयरफोर्स के पास 200 से ज्यादा सुखोई -30 विमान हैं जो 2100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। इसमें 30 एमएम की गन के साथ हवा से हवा, हवा से जमीन और एंटीशिप मिसाइलें लगी हुई हैं। इसके अलवा इसमें 6 तरह के बम फिट किए जा सकते हैं।




अर्जुन मार्क-II टैंकः ये भारतीय सेना का मुख्य युद्धक टैंक है जिसे बेहद खतरनाक माना जाता है। ये अर्जुन टैंक का अत्याधुनिक थर्ड जेनेरेशन टैंक है जिसमें कई सुधार किए गए हैं। ये टैंक किसी भी परिस्थिति में शानदार मार कर सकता है। ये पलक झपकते ही अपने शिकार को निशाना बना लेता है। इसके ऊपर रिमोट संचालित मशीन गन लगी होती हैं। सेना में इसे दीवार कहा जाता है जिसे तोड़ना दुश्मनों के बस में नहीं।

INS विक्रमादित्यः अपनी खूबियों के चलते इसे तैरता एयरफील्ड और मिनी शहर भी कहा जाता है। INS विक्रमादित्य को समंदर का राजा कहा जाता है। नेवी के लिए ये गेम चेंजर की तरह है। ये 45 हजार टन से ज्यादा वजन लेकर चलने में सक्षम है। इसकी लंबाई 283.5 मीटर है और 22 डेक हैं। आईएनएस विक्रमादित्य की रफ्तार लगभग 60 किलोमीटर प्रति घंटे है जिस पर 36 एयरक्राफ्ट रखे जा सकते हैं।

INS चक्रः इसे स्टील से बनी शार्क भी कहा जाता है। ये पनडुब्बी पानी के अंदर जब तक चाहे रह सकती है। भारत ने नेवी को ट्रेंड करने के लिए इसे दस साल के लिए रूस से लीज पर लिया है। ये परंपरागत हथियार, चार 533 एमएम और चार 650 एमएम टोरपेडो ट्यूब्स ले जाने में सक्षम है जो दुश्मन के शिप को उड़ाने में काम आते हैं। इसे सबसे तेज परमाणु पनडुब्बी माना जाता है।


ग्लाइड बम: वो बम जो वायुसेना के लिए अचूक अस्त्र होगा। इसके जरिए निशाना तय कर बम गिरा सकेंगे। ये बम लड़ाकू विमान की मार को और सटीक करेगा। इसके अगले साल के अंत तक बनाने की तैयारी है।

P-81 नेप्चून: भारतीय नौसेना की आंख है नेप्यून। आठ नेप्चून विमान ससंदर की हर हलचल पर नजर रखते हैं। और जरूरत पड़ने पर किसी भी पनडुब्बी तक को बर्बाद कर सकते हैं।

NAMICA (नाग मिसाइल करियर): ये टैंकरोधी सिस्टम है। नमिका एक साथ 8 नाग मिसाइलो को छोड़ सकती है। इसमें सेंसर लगे होते हैं। ये एक बार निशाना तय हो जाने के बाद टार्गेट को तबाह करके ही छोड़ती हैं। ये मिसाइलें दागो और भूल जाओ की नीत पर चलती हैं।


अग्नि-5: इसे किलर मिसाइल भी कहा जाता है। अग्नि-5 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता 8 हजार किलोमीटर तक है और ये एक हजार किलो तक का परमाणु हथियार ले जाने की भी ताकत रखती है।


ब्रह्मोस मिसाइलः ब्रह्मोस यानी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल जिसे गेम फिनिशर भी कहा जाता है। इसे भारत और रूस ने मिलकर तैयार किया है जिसे पनडुब्बी, जहाज, एयरक्राफ्ट या जमीन कहीं से भी लॉन्च किया जा सकता है। ऑपरेशन के मामले में इसे दुनिया का सबसे तेज क्रूज मिसाइल माना जाता है। 300 किलो विस्फोटक ले जाने में सक्षम ये मिसाइल 300 किलोमीटर तक मार कर सकती है।


फाल्कन अवाक्स: अवाक्स यानी एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम। इसे दुनिया का सबसे आधुनिक AWACS माना जाता है। इसके लिए भारत-इजराइल के बीच 2004 में समझौता हुआ था। इस रडार पर 360 AESA यानी एक्टिव इलेक्ट्रोनिकली स्कैनिंग अरै हैं ये किसी भी दूसरे रडार से दस गुना तेज और पहले अपने दुश्मन की खबर देता है।

INS विक्रांत: ये देश में बना पहला एयरक्राफ्ट कैरियर है। ये 262 मीटर लंबा, 60 मीटर चौड़ा और 40 हजार मीट्रिक टन वजन ढोने में सक्षम है इसका डिजाइन ऐसा बनाया गया है ताकि MiG-29K को यहां से ऑपरेट किया जा सके। एक बार में आईएनएस विक्रांत 30 एयरक्राफ्ट ले जाने में सक्षम है।

बराक 8: एंटी मिसाइल बराक 8 सेना के लिए रक्षा कवच की तरह है। ये लंबी दूरी का एंटी एयर और एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम है। इसे इजराइल के साथ मिलकर तैयार किया गया है।

INS कोलकाता: सबसे बड़ी तबाही का सामान। आईएनएस कोलकाता सबसे बड़ा हमलावर जहाज है। 16 अगस्त 2014 में इसके भारतीय नौसेना में शामिल होने के बाद से पड़ोसी मुल्कों में दहशत है। इसपर बराक मिसाइले लगी हैं। ब्रह्मोस की भी इसपर तैनाती है।

पीएडी/एएडी बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम: पृथ्वी एयर डिफेंस यानि पीएडी और एडवांस एयर डिफेंस मतलब एएडी। पाकिस्तान और चीन के किसी भी हमले को आसमान में भी ध्वस्त करने की क्षमता अब भारत के पास है, जो 5000 किमी की दूरी पर ही किसी भी मिसाइल को पकड़ लेगी और तुरंत उसे तबाह कर देगी।

पिनाका मिसाइल लांचर: ये सबसे घातक चीज है। पिनाका एक साथ 12 रॉकेटों को दाग सकती है। कहीं से भी, कभी भी। सन 1998 से सेना की जान बनी हुई है पिनाका। 30 किलोमीटर की रेंज में आने वाली हर एक चीज को तबाह करने के लिए एकसाथ 12 रॉकेट पिनाका से दागे जा सकते हैं।

INS अरिहंत: परमाणु शक्ति संपन्न अरिहंत एक बार समंदर में उतर जाए, तो उसे किसी भी सहायदा की जरूरत नहीं। क्योंकि ये दुश्मन को तबाह करके ही लौटेगा। अरिहंत समंदर में रहकर जमीन की भी रक्षा करने में सक्षम है, आसमान की भी।

पृथ्वी 3: जमीन से जमीन पर हमला करने वाली पृथ्वी 3 लगभग 350 किमी तक मार कर सकती है। ये ब्रह्मोस से कम भी नहीं है। तकनीकी के मामले में भी ज्यादा पीछे नहीं है। और हमला करने में पूरी तरह से अचूक भी है। इसे इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत बनाया गया है।

INS कलवरी सबमरीन: मझगांव डॉक में बनकर तैयार खड़ी है कलवरी। ये दुश्मनों के जहाजों को ऐसे तबाह करेगी, कि किसी को खबर भी न होगी। कलवरी 23 हजार करोड़ के खर्च से बनी डीजल-इलेक्ट्रिक बिजली चालित है। ये स्टील्थ तकनीकी से भी लैस है। साल 2018 तक ये सेना में आ जाएगी।

LTA तेजस: भारत का गर्व है तेजस। सिंगल सीट, सिंगल इंजन, बेहद हल्का और हवा में सबपर भारी। ये मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट है। जिसे एचएएल ने बनाया है।

आकाश: मीडियम रेंज की ये मिसाइल जमीन से हवा में मार करती है। ये किसी भी लड़ाकू विमान को 30 किलोमीटर दूर से ही गिरा देगी। चाहे वो जमीन से 18 हजार मीटर की उंचाई पर ही क्यों न हो।

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