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बुधवार, 20 जुलाई 2016

रक्षा क्षेत्र में भारत को मिली बड़ी कामयाबी, बीजिंग और इस्लमाबाद हुए चौंकन्ने



भारतीय वायुसेना की अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमान सुखोई-30 से दुनिया की सबसे ताकतवर क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस दागने की प्रणाली का सफल परीक्षण किया गया है। हवा से जमीन पर मार करने वाली ब्रह्मोस का शनिवार को नासिक में सफल परीक्षण किया गया। अब महीने भर के भीतर ही असली मिसाइल के साथ इसका वास्तविक परीक्षण करने की तैयारी शुरू कर दी गई है।

आवाज से भी तेज गति से चलने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल दागने का यह दुनिया का पहला प्रयोग है। यह शक्तिशाली मिसाइल दुश्मन के इलाके में काफी अंदर तक जाकर मार करने में सक्षम है। यह दृश्यता सीमा (विजुअल रेंज) के बाहर के भी ठिकानों पर सटीक मार कर सकती है। सुखोई से ब्रह्मोस दागने की सुविधा से वायुसेना की युद्धक क्षमता में बड़ा इजाफा होगा। यह प्रणाली दुश्मन की मजबूत हवाई रक्षा व्यवस्था को भेदने में भी सक्षम है।

एयरक्राफ्ट 45 मिनट तक हवा में रहा। विंग कमांडर प्रशांत नायर और विंग कमांडर एमएस राजू ने इस ऐतिहासिक उड़ान का नेतृत्व किया। हिंदुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक टी सुवर्ना राजू ने बताया कि इस पहली उड़ान के साथ ही करीब 40 सुखोई-30 एमकेआई एयरक्राफ्ट में बदलाव किया जाएगा। राजू ने कहा कि यह मेक इन इंडिया और उड्डयन के क्षेत्र में इंजीनियरिंग के चमत्कार का शानदार उदाहरण है।

अगर इसका वास्तविक परीक्षण सफल रहा तो भारतीय वायुसेना क्रूज मिसाइल से लैस लड़ाकू विमानों वाला दुनिया की पहली वायुसेना होगी। रक्षा मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक इस परीक्षण पर दुनिया भर के देशों की पैनी नजर है। खासतौर पर चीन और पाकिस्तान के लिए यह बेचैन करने वाली खबर है।

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