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शहीद जवान दिवाकर की पत्नी क्षमाप्रिया। |
खगड़िया। प्रिया के हाथों से अभी मेहंदी का रंग भी नहीं उतरा था। जिदंगी की रंग को अब ठीक से देखा भी नहीं था। 21 दिन पहले दिवाकर के साथ सात फेरे लेते हुए क्या-क्या ख्वाब नहीं देखा था। पर सोमवार की शाम को एक मनहूस खबर ने जिदंगी के उम तमाम सपनों पर ब्रेक लगा दी। जिसे प्रिया ने अपने पति दिवाकर साथ देखा था।
दिवाकर व प्रिया की शादी 21 दिन पहले ही हुई थी। दिवाकर गया में हुए नक्सली हमले में शहीद हो गया। इस खबर के बाद परिजनों का बुरा हाल है। पत्नी प्रिया दहाड़ मारकर रो रही है।

प्रिया की चीख सुन लोगों का कलेजा कांप जा रहा है। कभी वो अपनी किस्मत को कोसती है तो कभी कहती है अब कैसे मैं उसके बिना जी पाउंगी। परिवार के लोग उसे संत्वाना देने में जुटे हैं। पर प्रिया रोए जा रही है। कई बार प्रिया बेहोश भी हो गई। दिवाकर की मौत की खबर क्षमाप्रिया को मंगलवार को सुबह मिली।
प्रिया की शादी दिवाकर के साथ 27 जून को हुई थी। दिवाकर की चार बहन है। मौत की खबर सुन पिता तनुकलाल तिवारी सदमे में हैं। गांव के लोग भी गमजदा हैं। बार-बार तनुकलाल कह रहे थे कि बेटा तो चला गया अब चार बेटियों की शादी कौन करेगा। बुढ़ापे में हमारा सहारा कौन बनेगा।
गांव के लोग सुबह से ही दिवाकर के घर पर जमा थे। लोग समझाने की कोशिश कर रहे थे। ऐसा ही हाल क्षमाप्रिया के गांव में भी है।
दिवाकर व प्रिया की शादी 21 दिन पहले ही हुई थी। दिवाकर गया में हुए नक्सली हमले में शहीद हो गया। इस खबर के बाद परिजनों का बुरा हाल है। पत्नी प्रिया दहाड़ मारकर रो रही है।
प्रिया की चीख सुन लोगों का कलेजा कांप जा रहा है। कभी वो अपनी किस्मत को कोसती है तो कभी कहती है अब कैसे मैं उसके बिना जी पाउंगी। परिवार के लोग उसे संत्वाना देने में जुटे हैं। पर प्रिया रोए जा रही है। कई बार प्रिया बेहोश भी हो गई। दिवाकर की मौत की खबर क्षमाप्रिया को मंगलवार को सुबह मिली।
प्रिया की शादी दिवाकर के साथ 27 जून को हुई थी। दिवाकर की चार बहन है। मौत की खबर सुन पिता तनुकलाल तिवारी सदमे में हैं। गांव के लोग भी गमजदा हैं। बार-बार तनुकलाल कह रहे थे कि बेटा तो चला गया अब चार बेटियों की शादी कौन करेगा। बुढ़ापे में हमारा सहारा कौन बनेगा।
गांव के लोग सुबह से ही दिवाकर के घर पर जमा थे। लोग समझाने की कोशिश कर रहे थे। ऐसा ही हाल क्षमाप्रिया के गांव में भी है।
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