योगी आदित्यनाथ का वास्तविक नाम अजय सिंह है। योगी का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड में हुआ थाl इन्होने गढ़वाल विश्विद्यालय से गणित में बीएससी किया है। वो गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के महंत हैं।
आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महंत अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी हैं। वो हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं, जो कि हिन्दू युवाओं का सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह है।अवैद्यनाथ जी ने 1998 में अपने राजनैतिक जीवन से संन्यास ले लिया और योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया।
राजनीती में ऐसे रखा कदम
यहीं से शुरू हुई योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक पारी .1998 में गोरखपुर से 12वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर योगी आदित्यनाथ संसद पहुंचे तो वह सबसे कम उम्र के सांसद थे, वो 26 साल की उम्र में पहली बार सांसद बने।
1998 से लगातार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। योगी यूपी बीजेपी के बड़े चेहरे माने जाते थे। 2014 में पांचवी बार योगी सांसद बने।राजनीति के इस खेल के साथ साथ योगी ने सियासत की दूसरी राह भी पकड़ लीl उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी नाम का एक संगठन आरम्भ किया और धर्म परिवर्तन के खिलाफ मुहिम छेड़ दी। कट्टर हिंदुत्व की राह पर चलते हुए उन्होंने कई बार विवादित बयान दिए। योगी और विवादों का चोली दामन का साथ चलता रहा किन्तु उनकी ताकत लगातार बढ़ती गई।
योगी आदित्यनाथ के तौर-तरीकों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने गोरखपुर के कई ऐतिहासिक मुहल्लों के नाम बदलवा दिए. इसके तहत उर्दू बाजार हिंदी बाजार बन गया. अली नगर आर्यनगर हो गया. मियां बाजार माया बाजार हो गया. इतना ही नहीं, योगी आदित्यनाथ तो आजमगढ़ का नाम भी बदलवाना चाहते हैं. इसके पीछे आदित्यनाथ का तर्क है कि देश की पहचान हिंदी से है उर्दू से नहीं, आर्य से है अली से नहीं.
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