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सोमवार, 23 जुलाई 2018

पहले भी गौ तस्करी के आरोप में जेल की हवा खा चुका था मीडिया का ‘गौपालक’ रकबर


हत्या किसी की भी चाहे किसी भी धर्म या जाति के इंसान की या फिर किसी बेजुबान जानवर, हत्या का समर्थन किसी भी सूरत में नहीं किया जा सकता।लेकिन मीडिया का एक धड़ा एक तरफा खबरे दिखाकर ये साबित करने की कोशिशें कर रहा है कि रकबर गौ पालक था, लेकिन अगर रकबर का पिछला रिकॉर्ड देखा जाए तो मीडिया की खबरों में कितनी सच्चाई हैं इसकी पोल खुलकर सामने आ जाती है।

पहले भी दर्ज हैं गौ तस्करी का मामला!

दैनिक भास्कर की इस खबर के अनुसार ‘नौगांवा थाना पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मृतक अकबर गोतस्करी के मामले में पहले से वांछित है। उसके खिलाफ 24 दिसंबर 2014 को गोतस्करी की धाराओं में केस संख्या 355/2014 दर्ज है। उसके साथ आरिफ निवासी टपकन थाना नूंह मेवात भी आरोपी था। मामले में पुलिस चालान पेश कर चुकी है। ’

रकबर को गौपालक बताने से ये सब हासिल होगा मीडिया को?
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हमारे देशमे मीडिया का एक बड़ा धड़ा एक विशेष विचारधारा के हिसाब से काम करता हैं, दरअसल अगर रकबर को गोपालक बताया जाएगा तो देश विदेश मे ये संदेश जाएगा कि एक बेगुनाह मुसलमान को हिन्दुओ ने बेवजह मार डाला।और इस तरह की सोच से हिन्दू विरोधी ताकतों को बल मिलता हैं और ये ही मीडिया का एक बड़ा धड़ा चाहता है।


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