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बुधवार, 13 जुलाई 2016

इमानदारी की असली मिसाल,पूर्व भाजपा सांसद कर रहे हैं खेती

प्रतीकात्मक फोटो 



जहाँ एक तरफ इस देश में राजनीती को पैसा कमाने के एक आसन जरिये के तौर पर देखा जाता हैं लेकिन दूसरी तरफ कुछ ऐसे राजनेता भी इस देश में हैं जो आज भी राजनीती को पैसा कमाने का नहीं बल्कि समाज सेवा का एक माध्यम मानते हैं..

हम बात कर रहे हैं दो बार भाजपा संसद रह चुके अनंत नायक की, जहाँ एक और बहुत से नेता अपने आपको इमानदार साबित करने के लिए तरह तरह से प्रपंच करते हैं,अपने आपको आम आदमी दिखाने के लिए बहुत सी नौटंकी करते हैं उनके लिए अनंत नायक जी सच्चाई और इमानदारी का एक अच्छा उदाहरण हैं.


फोटो source- new indian express
नायक एक आम इंसान की तरह हैं। वह अपने सार्वजनिक जीवन से थोड़ा समय निकालकर खुद अपने खेतों में जाते हैं और खेती से संबंधित काम करते हैं। नायक दो बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर लोकसभा सासंद रह चुके हैं। 2000-2004 और 2004-2009 के कार्यकाल में वह सांसद रह चुके हैं।

 नायक बताते हैं, पिछले साल धान की खेती से मुझे एक लाख रुपए की आमदनी हुई, इस साल मैं ज्यादा कमाई की उम्मीद करता हूं क्योंकि जुताई और अन्य काम मैं खुद कर रहा हूं।
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इनके क्षेत्र में खेती में घाटा होने के कारण जब कई किसानों ने खेती करना छोड़ दिया है, तब पूर्व सांसद नायक उनके लिए प्रेरणा बनकर उभरे हैं। नायक कहते हैं कि मुझे नहीं लगता कि खेती में मुनाफा नहीं है, बस लगन से काम करने और ईमानदारी की जरूरत है। नायक का कहना है कि खेती एक अकेला ऐसा सेक्टर है बड़े पैमाने पर गरीबी दूर करने का माद्दा रखता है, लेकिन सरकार किसानों की जरूरतों पर ज्यादा ध्यान नहीं देती। कम बारिश और सिंचाई की सुविधाओं की कमी से भी कई किसान परेशान हैं।

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