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शनिवार, 30 जुलाई 2016

नौसेना में शामिल हुआ वरुणास्त्र ,पाकिस्तान और चीन में मची खलबली



आज हमारे देश की वृद्धि उस ऊंचाई पर पहुँच चुकी है जिसकी कभी कल्पना भी नहीं की जा सकती ! जी हा अगर तरक्की की बात की जाये तो इस उपलब्धि में भारी वज़न वाला टारपीडो “वरुणास्त्र” भी नौसेना में शामिल हो रहा है ! सूत्रों की माने तो ये वरुणास्त्र बुधवार को नौसेना में शामिल किया जायेगा !

वैसे आपको बता दे कि सुरक्षा अनुसन्धान और विकास संगठन की नौसेना और प्रौद्योगिक प्रयोगशाला ने पनडुब्बी रोधी टारपीडो का विकास केवल भारतीय नौसेना के लिए किया है ! ताकि आगे से भारत को हर तरफ से सुरक्षित रखा जा सके ! अब इसके बाद ये तो तय है कि वाकई में भारत के अच्छे दिन आ गए है ! वरना इससे पहले कभी इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल नहीं हुई थी ! आपको बता दे कि इस वरुणास्त्र का वजन तकरीबन १.25 टन है और यह 250 किलोग्राम विस्फोटक 40 समुद्री मील प्रति घंटे की गति से ले जाने में सक्षम है। है न कमाल की चीज़ ! इससे भारतीय नौसेना को अपनी हर जंग में मुश्किलों का सामना कम करना पड़ेगा ! पर भारतीय नौ सेना को ये टारपीडो देने से पहले रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने डीआरडीओ से कहा कि वह बीडीएल की सहायता करे !


आखिरकर बीडीएल ही वरुणास्त्र का उत्पादन करेगी ! वैसे शायद आपको मालूम नहीं लेकिन भारत भी टारपीडो बनाने वाले देशो के समूह में शामिल है ! साथ ही रक्षा मंत्री ने ये भी साफ़ कर दिया कि स्वदेशी हलके लड़ाकू विमान “तेजस” के भारतीय वायु सेना में शामिल होने से पहले टारपीडो वरुणास्त्र नौसेना में शामिल किया जायेगा ! रक्षा मंत्री का ये भी कहना है कि अगर हो सके तो अच्छे उत्पादों का निर्माण किया जाना चाहिए केवल इसलिए नहीं क्यूकि नौसेना ही इसका इस्तेमाल करेगी बल्कि इसलिए भी ताकि इसका निर्यात किया जा सके और इसके लिए नौसेना से भी मुझे मौखिक तौर पर मंजूरी मिल गयी है ! वरुणास्त्र टॉरपीडो के निर्माण निदेशक पी.त्रिमुर्तुलुने ने इसे टीम की बड़ी सफलता बताया। वे इस योजना पर पिछले कई सालों से काम कर रहे हैं।त्रिमुर्तुलु ने कहा कि वो और उनकी टीम लगातार बीस घंटे तक इस पर काम करते है ! अब जब इसका संकलन पूरा हो चुका है तो ये राष्ट्र के लिए उनकी तरफ से बड़ा तोहफा है क्यूकि भारत के लिए हथियार का निर्माण करना किसी वृद्धि से कम नहीं !

वैसे टारपीडो वरुणास्त्र को जंगी जहाज़ से दागा जा चुका है और पनडुब्बी से भी जल्द ही दागा जायेगा ! उसके बाद इसका असली कार्य शुरू हो जायेगा ! भारतीय नौसेना भी इस उपलब्धि के बाद और जोश में आ गई है और नौसेना के प्रमुख अनिल लाम्बा का कहना है कि योजना पूरी करने के लिए समय सीमा को कसने पर शोर देना चाहिए ! साथ ही ये भी कहा कि भारतीय नौसेना और डीआरडीओ ने प्रौद्योगिकी वाली 93 योजनाएं और चिन्हित यानि सोची है ! जो जल्द ही शुरू की जाएगी ! अब राष्ट्र के प्रति ऐसी सोच को देखते हुए भारतीय नौसेना और टारपीडो वरुणास्त्र की निर्माण टीम को एक सलाम तो बनता ही है !

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